चंडीगढ़: मानसून सत्र के आखिरी दिन पीपीपी (परिवार पहचान-पत्र) के मुद्दे पर विपक्ष और प्रदेश सरकार में सीधा टकराव हुआ। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दो-टूक कहा कि प्रदेश की जनता को पीपीपी से फायदा हुआ है, इस प्रोजेक्ट की तारीफ हर जगह हो रही है अब सरकार इस कार्यक्रम से कभी पीछे नहीं हटेगी।
जन संदेश न्यूज नेटवर्क
कांग्रेस विधायक जगबीर सिंह मलिक द्वारा इस संदर्भ में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया गया था। बीबी बतरा, किरण चौधरी, नीरज शर्मा, आफताब अहमद, गीता भुक्कल व बिशनलाल सैनी सहित अन्य विधायकों ने भी इस मुद्दे पर अपनी आशंका जाहिर की। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी सरकार को घेरा। सीएम और हुड्डा के बीच शायराना अंदाज में भी वार-पलटवार हुए। सीएम ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि कबीरा तेरी झोपड़ी गलकटियन के पास, जैसी करनी-वैसी भरनी, तू क्यों भयो उदास। उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की कि अगर इसका कोई नुकसान होगा तो वे भुगतेंगे। उन्हें पता है कि प्रदेश के लोगों को यह योजना कितनी पसंद आ रही है। हुड्डा ने पलटवार करते हुए कहा कि इस दौर-ए-सियासत का इतना सा फसाना है बस्ती भी जलानी है, मातम भी मनाना है।
बीबी बतरा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को भी अनिवार्य नहीं माना है। ऐसे में प्रदेश सरकार पीपीपी को कैसे अनिवार्य कर सकती है। पीपीपी के पीछे सरकार का एजेंडा छुपा हुआ है। कर्मचारियों व शिक्षकों के लिए भी पीपीपी अनिवार्य कर दिया है। लोगों के पेन कार्ड मांगे जा रहे हैं, यह पूरी तरह से गलत है। सीएम ने कहा कि हम कानून में विश्वास करने वाले लोग हैं और कानून के अनुसार ही पीपीपी बनाया है। भूपेंद्र हुड्डा ने जवाबी हमले में कहा कि अगर कानून को मानते हैं तो नूंह हिंसा की न्यायिक जांच क्यों नहीं करवा रहे। हुड्डा ने कहा कि इसे विधानसभा की सिलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए। इस पर सीएम ने कहा कि अब रूल्स बन चुके हैं और हम इसमें काफी आगे बढ़ चुके हैं। इसके विरोध में कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट किया। सीएम ने कहा कि पीपीपी एक बेहतरीन कार्यक्रम है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और सेवाओं को लाभार्थी के घर द्वार पर पहुंचाना है।
मनोहर ने कहा कि परिवार पहचान संख्या से कई योजनाओं और सेवाओं के लिए शपथ पत्र या दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं है। अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आवेदक को पहले आवेदन के साथ एक हलफनामा जमा करना पड़ता था जिसे नंबरदार, पटवारी, कानूनगो द्वारा सत्यापित किया जाता था और उसके बाद भौतिक पद्धति में तहसीलदार द्वारा जारी किया जाता था।
सीएम ने बताया कि 25 अगस्त 2023 तक 6.96 लाख से अधिक एससी प्रमाणपत्र जारी किए हैं।
गैस सिलेंडर सस्ता करने की घोषणा का सीएम ने किया स्वागत
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा 200 रुपये सिलेंडर के दाम घटाने का फैसले का स्वागत किया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसले को देश की करोड़ों महिलाओं को राखी के त्यौहार का तोहफा बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी वाले सिलेंडर पर 200 रुपये और अधिक सब्सिडी देने का फैसला और बिना सब्सिडी के सिलेंडर पर 200 रुपये की छूट देने का फैसला मध्यवर्गीय परिवारों के लिए राहत की खबर है।