जूनियर महिला कोच से छेड़छाड़ के मामले में हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर 13 सितंबर को सुनवाई होनी है। वहीं, जिला अदालत में 16 सितंबर को चार्जशीट पर सुनवाई होगी। एस.आई.टी.अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करेगी, जिसके लिए कई…
संदीप सिंह के मामले में एफआईआर के बाद पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट भी अदालत में सौंप दी है। विपक्ष लगातार दबाव बनाने में जुटा है। विधानसभा सत्र में भी जमकर हंगामा हुआ, लेकिन अभी तक सरकार ने उनसे इस्तीफा नहीं लिया है। संगठन भी फिलहाल संदीप सिंह के इस्तीफे पर दबाव बनाने के मूड में नहीं है। राजनीतिक टिप्पणीकार प्रमोद शर्मा का कहना है कि सरकार को इस बारे में जल्द फैसला लेना चाहिए। संदीप सिंह प्रकरण से सरकार की छवि पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। अगले साल चुनाव हैं। हरियाणा में सबसे ज्यादा मतदाता युवा और महिला हैं।
सिर्फ खबर छपने पर भजनलाल ने ले लिया था इस्तीफा
साल 1994 में भजनलाल की सरकार में प्रो. छत्रपाल सिंह मंत्री थे। उन पर एयरहोस्टेस पर आपत्तिजनक कमेंट करने के आरोप लगे थे। इसकी खबर एक अखबार में प्रकाशित हो गई थी। अखबार की कटिंग जब तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल के पास पहुंची तो उन्होंने कड़ा संज्ञान लिया और अपने मंत्री से इस्तीफा मांग लिया था। उस दौरान मंत्री ने भी
बिना देरी किए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। छत्रपाल उस समय काफी कद्दावर नेता थे। साल 1991 में उन्होंने हरियाणा के दिग्गज नेता ताऊ देवीलाल को घिराय विधानसभा से हरा दिया था। छत्रपाल सिंह इस समय भाजपा में हैं।
गोपाल कांडा को देना पड़ा था इस्तीफा
राज्य के चर्चित नेता गोपाल कांडा को भी गंभीर आरोप लगने के बाद अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी। उनके खिलाफ एयरहोस्टेस को आत्महत्या के लिए उकसाने समेत अन्य आरोप लगे थे। साल 2012 में वह पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में भारी-भरकम मंत्री थे। जब यह मामला गर्माया तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। करीब 11 साल उन्हें ट्रायल का सामना करना पड़ा। इसी साल जुलाई के महीने में वह सभी आरोपों से बरी हो गए थे। कांडा की पार्टी हरियाणा लोकहित पार्टी ने भाजपा की मौजूदा सरकार को समर्थन दिया हुआ है।
इन मंत्रियों को भी गंवानी पड़ी थी कुर्सी
भजनलाल की सरकार में मंत्री रहे निर्मल सिंह को भी मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। साल 1994 में कांग्रेस की सरकार में वह मंत्री थे। उस दौरान उनका नाम एक हत्याकांड में आया था। उसके बाद भजनलाल ने उनसे इस्तीफा ले लिया था। इसी तरह से साल 1994 में आनंद सिंह ढांगी को भी मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उन पर भी भर्ती संबंधी आरोप लगे थे। इसी तरह से पूर्व मंत्री ओपी जैन व सीपीएस जिले राम के खिलाफ पूर्व सरपंच को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा था। उस दौरान भी दोनों को हुड्डा सरकार में इस्तीफा देना पड़ा था।
यौन उत्पीड़न मामला: मंत्री संदीप सिंह की जमानत का विरोध करेगी SIT, कई प्वाइंट्स को लेकर जवाब कर रही तैयार
- जूनियर महिला कोच ने सी. आई.डी. पर लगाया पीछा “करने और धमकाने का आरोप
जूनियर महिला कोच से छेड़छाड़ के मामले में हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर 13 सितंबर को सुनवाई होनी है। वहीं, जिला अदालत में 16 सितंबर को चार्जशीट पर सुनवाई होगी। एस.आई.टी.अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करेगी, जिसके लिए कई प्वाइंट्स पर जवाब बना रही है। 13 सितंबर से पहले एस.आई.टी. मामले में जिला अदालत में जवाब दायर कर रही है।
वहीं, महिला कोच के वकील मामले में रेप की कोशिश की धारा जोड़ने को लेकर बहस करेंगे। अब चार्जशीट पर बहस के बाद मंत्री संदीप पर आरोप तय किए जाएंगे। मंत्री संदीप की अग्रिम जमानत याचिका खारिज होती है तो गिरफ्तारी की तलवार लटक जाएगी। मामले में 354 और 354-बी गैर-जमानती धाराएं लगाई गई हैं। सूत्रों की मानें तो चार्जशीट के तहत मंत्री संदीप को अग्रिम जमानत मिलनी मुश्किल लग रही है।
चार्जशीट के अनुसार, मंत्री ने पुलिस को बताया था कि जूनियर महिला कोच के साथ कोई पर्सनल रिलेशन नहीं थे। वहीं, जांच में ये बात साबित हुई है कि उनके बीच रिश्ते प्रोफैशनल रिलेशन से कहीं आगे थे। मंत्री ने पुलिस को कहा था कि पीड़िता केवल मेन ऑफिस के कैबिन में केवल 15 मिनट के लिए ही मिली थी।
हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह पर छेड़छाड़ के आरोप लगाने वाली जूनियर महिला कोच पंचकूला में एक व्यक्ति पर भड़क गई। कोच ने आरोप लगाया कि यह शख्स सी.आई.डी. से संबंध रखता है। सुबह से एक गाड़ी में वह और 3 साथी उसका पीछा कर रहे हैं। उनके पास पिस्टल भी है, जो दिखाकर धमकाने की कोशिश कर रहे हैं