- चीन ने हाल ही में ‘स्टैंडर्ड मैप ऑफ चाइना’ का 2023 संस्करण जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन चीन का हिस्सा हैं
- अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चिन को चीनी सीमा में दिखाने वाले नए नक़्शे पर भारत की आपत्ति का अब चीन ने जवाब दिया है.
- इस नक़्शे पर ताइवान के विदेश मंत्री की भी प्रतिक्रिया आई है.
- 28 अगस्त को चीन ने एक नया नक़्शा जारी किया था. इसे चीन ने ‘स्टैंडर्ड मैप’ बताया था.
- इस नक़्शे में एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को चीनी सीमा में दिखाया गया था.
- जी 20 शिखर सम्मेलन के ऐन मौके पर चीन ने दुस्साहसी तरीके से भारत के अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपने नक्शे में दिखाया है। इस नक्शे को चीन ने जारी किया है। इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने कहा है कि भारत के क्षेत्रों पर किसी के भी बेतुके दावों से कोई इलाका उनका नहीं हो जाएगा।
दिल्ली- एक टीवी कार्यक्रम में एस जयशंकर ने कहा कि “चीन पहले भी मैप जारी करके दूसरों के इलाकों पर अपना दावा जताता रहा है। ये उसकी पुरानी आदत है। यह कोई नई बात नहीं है।“ जयशंकर ने कहा कि इसकी शुरुआत साल 1950 में हुई थी। उन्होंने कहा कि हम अपने इलाके को लेकर पूरी तरह से क्लियर हैं। यह सरकार इस बारे में स्पष्ट है कि हमें अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए क्या करना है। आप देश की सीमाओं पर देख सकते हैं। बेतुके दावे करने से कोई क्षेत्र आपका नहीं हो जाता।
इस बीच विदेश मंत्रालय ने भी औपचारिक तौर पर चीन के प्रति अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत ने चीन के मैप के मामले में अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने राजनयिक तरीके से चीन के सामने इस मैप के बारे में सख्त एतराज व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि भारत चीन के इस दावे को खारिज करता है और चीन की तरफ से इस तरह के कदम से सीमा का मुद्दा सुलझाने में जटिलता आ सकती है।