
काम की समीक्षा के हिसाब से तय होगी बेसिक-पे
जन संदेश न्यूज नेटवर्क
चंडीगढ़: हरियाणा के क्लर्क 42 दिन की हड़ताल के बाद काम पर लौट आए। पांच जुलाई से क्लर्क बेसिक-पे में बढ़ोतरी करने की मांग को लेकर हड़ताल पर थे। इस बीच पांच बार सरकार के साथ उनकी वार्ता हुई। बीते मंगलवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ क्लर्क एसोसिएशन तथा भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के पदाधिकारियों की वार्ता में सशर्त हड़ताल स्थगित करने का निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री के साथ भी यह दूसरे दौर की वार्ता थी। बैठक में सीएम के साथ वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उ माशंकर मौजूद रहे। क्लर्क एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष विक्रांत तंवर के अलावा कई अन्य पदाधिकारी बैठक में शामिल रहे। वहीं बीएमएस की ओर से क्षेत्रीय मंत्री पवन कुमार तथा हवा सिंह मुख्य रूप से मौजूद रहे। सरकार की ओर से बेसिक-पे 19 हजार 900 से बढ़ाकर 21 हजार 700 करने की फिर से पेशकश की गई। क्लर्क एसोसिएशन और भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने सरकार की ऑफर को सिरे से नकार दिया। वे 35 हजार 400 रुपये बेसिक-पे करने की मांग पर अड़े रहे। उनके द्वारा मीटिंग में बार-बार यह मांग उठाई गई कि सरकार उनके कार्य की समीक्षा करवा ले और काम के हिसाब से बेसिक-पे तय करे।
सरकार इस पर तुरंत सहमत हो गई। बैठक में फैसला लिया गया कि पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया जाएगा। कमेटी में सरकार के एक प्रतिनिधि के अलावा दो सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों तथा क्लर्कों की ओर से दो प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा।
कमेटी तीन महीने में क्लर्कों के कार्य की समीक्षा करके सरकार को रिपोर्ट देगी। इस रिपोर्ट के आधार पर आगे का निर्णय लिया जाएगा। तब तक क्लर्कों की हड़ताल स्थगित करके काम पर लौटने का निर्णय लिया गया।
हड़ताल पीरियड ड्यूटी माना
बैठक में कर्मचारियों की मांग पर सरकार ने फैसला लिया कि क्लर्कों के हड़ताल पीरियड को ड्यूटी माना जाएगा। यानी हड़ताल अवधि के दौरान का वेतन क्लर्कों को मिलेगा। सरकार नो वर्क-नो पे का सिद्धांत लागू कर चुकी है। सीएम की मौजूदगी में हुई इस बैठक में यह फैसला होने के बाद ‘नो वर्क-नो पे’ का आदेश सरकार वापस लेगी। साथ ही बैठक में यह भी सहमति बनी कि प्रमोशन के लम्बित मामलों का जल्द ही निपटान किया जाएगा