शहरों में ‘अपना घर’ का सपना जल्द होगा साकार: प्रधानमंत्री

In दिल्ली
August 19, 2023
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि शहरों में ‘अपना घर’ का सपना देखने वाले लोगों के लिए सरकार जल्द ही एक योजना लायेगी और इसके माध्यम से बैंक ऋण में राहत प्रदान की जायेगी। देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार शहरों में रहने वाले मध्यम वर्ग के ऐसे लोगों के लिए जल्द ही एक योजना लायेगी जिनका अपना आवास नहीं है। अभी आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) को क्रियान्वित कर रहा है जिसकी शुरूआत 25 जून 2015 को हुई थी। इस वर्ष 31 जुलाई तक पीएमएवाई-यू के तहत 1ण्18 करोड़ मकान मंजूर किये गए हैं जिनमें से 76:02 लाख मकान लाभार्थियों को आवंटित किये गये हैं। प्रधानमंत्री ने कहा मध्यम वर्ग के लिए हम एक योजना लेकर आ रहे हैं। जो लोग शहरों में रहते हैं लेकिन किराए के मकान में रहते हैं, झुग्गी-झोपड़ी में रहते हैं, अनधिकृत कॉलोनियों में रहते हैं। ऐसे परिवारजन अगर अपना मकान बनाना चाहते हैं तो उन्हें बैंक से जो कर्ज मिलेगा, उसके ब्याज में राहत देकर हमने लाखों रुपये की मदद करने का निर्णय किया है।

सरकारी नीतियों के कारण मिली युवाओं को मदद
सरकार की नीतियों से देश के युवाओं को सहायता मिल रही है और उनकी ताकत ने भारत को दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र बनने में मदद की है। उन्होंने कहा कि देश का निर्यात बढ़ रहा है और दुनिया भर के विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था अपनी वृद्धि गति जारी रखेगी। उन्होंने लाल किला की प्राचीर से कहा कि मैं युवा शक्ति में विश्वास करता हूं, युवा शक्ति ही मेरी ताकत है… हमारी नीतियां युवा शक्ति को और ताकत दे रही हैं… विश्व के युवा भारत के युवाओं की ताकत देखकर चकित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि युवाओं की ताकत ने भारत को दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र बनने में मदद की है। सरकार ने इस साल 30 अप्रैल तक 98119 संस्थाओं को स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी है। ये सभी ‘स्टार्टअप इंडिया’ योजना के तहत कर लाभ सहित प्रोत्साहन प्राप्त करने के पात्र हैं। स्टार्टअप के लिए फंड ऑफ फंड्स, स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम और क्रेडिट गारंटी स्कीम जैसी योजनाएं इन संस्थाओं को उनके व्यापार चक्र के विभिन्न चरणों में मदद करती हैं। सरकार ने देश में नवाचार व स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के इरादे से 16 जनवरी 2016 को स्टार्टअप इंडिया पहल शुरू की थी।

देश में खुलेंगे 25 हजार जन औषधि केंद्र

देश भर में अब आम जनता के लिए सस्ती दवाइयां खरीदना और सुलभ होगा। केंद्र सरकार जल्द ही देश भर में कुल 25 हजार जन औषधि केंद्रों को खोलने जा रही है। वर्तमान में इनकी संख्या देश में 10 हजार है जिसे सरकार बढ़ाएगी। ये घोषणा प्रधानमंत्री ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से की है जिससे आम जनता को सस्ते दामों पर दवाइयां मिल सकेंगी। उन्होंने कहा कि जन औषधि केंद्रों ने लोगों, विशेषकर मध्यम वर्ग को नई शक्ति दी है। प्रधानमंत्री ने कहा, अगर किसी को मधुमेह हो जाता है, तो उसे करीब 3000 रुपये मासिक खर्च करना पड़ता है। जिन दवाओं की कीमत 100 रुपये हैए जन औषधि केंद्रों के माध्यम से हम उन्हें 10 से 15 रुपये में उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब सरकार की योजना जन औषधि केंद्रों की संख्या 10000 से बढ़ाकर 25000 करने की है। सभी के लिए सस्ती जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्र स्थापित किए गए हैं। बता दें कि केंद्र सरकार ने देश भर में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों की शुरुआत की है। इन जन औषधि केंद्रों के तहत देश में आर्थिक तौर से कमजोर वर्गों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध करवाई जाती है। ये मेडिकल स्टोर हैं जहां जेनरिक दवाइयां सस्ते दामों पर उपलब्ध होती है। ये औषधि केंद्र निम्न वर्ग के परिवारों तक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराती है, सस्ती और उत्तम दवाइयां उपलब्ध करवाती है। वर्तमान में देश में 10 हजार औषधि केंद्र हैं जिनकी संख्या बढ़ाकर 25 हजार करना सरकार का लक्ष्य है। गौरतलब है कि जन औषधि केंद्र कोई भी खोल सकता है, बशर्ते उसने योजना की सभी शर्तों को पूरा किया हैए उसे इसका लाइसेंस मिल सकता है।

कोविड 19 में दुनिया ने देखी भारत की क्षमता
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि लोगों को कोविड-19 (कोरोना वाइरस डिजिज) रोधी टीकों की 200 करोड़ खुराक लगना केवल आंगनवाड़ी, आशा और स्वास्थ्य कर्मियों की वजह से ही संभव हो पाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतवर्ष ने जिस पैमाने पर देश में इस विषैले संक्रमण कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान चलाया, उससे पूरी दुनिया चकित थी। मोदी ने कहा कि दुनिया ने कोविड महामारी के संकट से निपटने के तरीके में भारत की क्षमता को देखा है।

उन्होंने कहाए ष्ष्उस समय अन्य देशों की आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई थीए तो हमने दुनिया की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए मानव केंद्रित दृष्टिकोण की वकालत की थी।ष्ष् प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी के बाद समग्र स्वास्थ्य सेवा समय की मांग थी और उनके नेतृत्व वाली सरकार ने एक अलग आयुष विभाग की स्थापना की और अब दुनिया आयुष और योग पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहाए ष्ष्हमारी प्रतिबद्धता के कारण दुनिया अब हमें देख रही है।ष्ष् मोदी ने कहा कि कोविड.19 के बाद की अवधि में भारत ष्विश्व मित्रष् के रूप में उभरा है। उन्होंने कहाए ष्ष्कोविड महामारी के बाद भारत ने ष्एक धरतीए एक स्वास्थ्यष् के दृष्टिकोण की वकालत की। समस्याओं का समाधान केवल तभी हो सकता है जब बीमारियों के संबंध में मनुष्योंए जानवरों और पौधों को समान रूप से देखा जाए।

जन संदेश न्यूज नेटवर्क

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