जन संदेश न्यूज नेटवर्क
चंडीगढ़: प्रदेश सरकार ने जान गंवाने वाले सैनिकों के आश्रितों को नौकरी की योजना में संशोधन किया। अब सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत प्रदेश सरकार अब रक्षा अधिकारियों, सैनिकों, केंद्रीय सशस्त्र बलों के सदस्यों के किसी भी ऑपरेशन में हताहत होने पर उनके आश्रितों को अनुकंपा आधार पर नौकरी देगी। यह फैसला चार अगस्त को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया था। संशोधित नीति के तहत अनुकंपा नियुक्ति का पहला पात्र पति/पत्नी है। अगर पति या पत्नी नियुक्ति नहीं चाहते तो विवाहित या अविवाहित बच्चों में से एक को लाभ दिया जा सकता है। इसमें कानूनी रूप से गोद लिए गए बच्चे भी शामिल हैं। अगर युद्ध में हताहत व्यक्ति अविवाहित था तो उसके माता-पिता की सहमति से ही अविवाहित या विवाहित भाई-बहन या जिसके लिए माता-पिता और अन्य अविवाहित बहनों और भाइओं द्वारा सहमति दी जाएगी, उसे नीति का लाभ दिया जाएगा। अभी तक यह नीति युद्ध के दौरान हताहत होने वाले सैनिकों के परिवार के सदस्यों पर ही लागू होती थी। अब किसी भी ऑपरेशन या युद्ध के दौरान आइआइडी विस्फोट, आतंकवादी घटना, उग्रवादी हमला, सीमा पर झड़प, एमटी कार्डिएक अरेस्ट, हवाई दुर्घटना और प्राकृतिक आपदाओं में असाधारण साहस का प्रदर्शन करते शहीद होने वाले सैनिकों के आश्रितों को भी अनुकंपा आधार पर नौकरी देने का प्रावधान किया जाएगा।