धनतेरस पर 100 साल बाद त्रिग्रही योग यानी त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग, वैधृति योग और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का महासंयोग

In आर्थिक, दिल्ली
October 27, 2024
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दिवाली का पर्व आने वाला है चारों तरफ त्योहार की धूम देखने को मिल रही है. धनतेरस से दीवाली का पर्व शुरू हो जाता है. हिंदू धर्म में धनतेरस के त्योहार का बड़ा महत्व है. धनतेरस का ये पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि मनाया जाता है. इस दिन भगवान धन्वंतरि के साथ धन की देवी माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है. वहीं इस दिन लोग सोने या चांदी के आभूषणों आदि की खरीदारी भी करते हैं. इस बार धनतेरस की तिथि दो दिन रहने से कंफ्यूजन बना हुआ है. अगर आप भी धनतेरस की सही तिथि, शुभ मुहूर्त को लेकर जानना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं. तो चलिए बिना किसी देरी के जानते हैं, तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि और भोग रेसिपी.  

धनतेरस 29 अक्टूबर, 2024 को होगा। धनतेरस नाम “धन” और “तेरस” शब्दों से आया है जहां धन का अर्थ धन और समृद्धि है और तेरस का अर्थ हिंदू कैलेंडर का 13 वां दिन है। इस दिन भगवान धन्वतरि जो स्वास्थ्य के देवता हैं उनकी पूजा की जाती है। इनकी आराधना से रोग से मुक्ति मिलती है। 
हालाँकि, धनतेरस के दिन कुबेर देव और देवी लक्ष्मी की पूजा करने की भी परंपरा है। इस साल धनतेरस पर 100 साल बाद त्रिग्रही योग यानी त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग, वैधृति योग और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का महासंयोग बन रहा है। इन योगों का प्रभाव कुछ राशियों पर विशेष रूप से लाभकारी होगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में बड़ी उन्नति हो सकती है। 

धनतेरस पर शुभ योग 
धनतेरस पर इस बार 100 साल बाद दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है, धनत्रयोदशी यानी धनतेरस के दिन त्रिग्रही योग, त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग, लक्ष्मी नारायण योग, शश महापुरुष राजयोग कुल 5 शुभ संयोग बन रहे हैं। ऐसे में पूजा और खरीदारी का विशेष लाभ मिलेगा। 
इंद्र योग – 28 अक्टूबर 2024, सुबह 6:48 – 29 अक्टूबर 2024, सुबह 07:48 तक 
त्रिपुष्कर योग – 06:31 – सुबह 10:31 (29 अक्टूबर)
लक्ष्मी-नारायण योग – धनतेरस के दिन वृश्चिक राशि में शुक्र और बुध एक साथ विराजमान रहेंगे, ऐसे में लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होगा। 

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