जन संदेश न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली: भाजपा के सांसद गौतम गंभीर ने बिजली बिलों को लेकर अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर निशाना साधते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट कर केजरीवाल सरकार पर मुफ्त बिजली के नाम पर दिल्ली की जनता को ठगने का आरोप लगाया है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली का काला सच! दिल्ली के 11 लाख घरों की कमर तोडक़र, बिजली मुफ्त का झूठ बेचता है एक ‘आम आदमी’! पिछले 7 सालों में बिजली कंपनियों की कमाई में कोई कमी नहीं आई। कम्पनियां दिल्ली से हर साल 20 हजार करोड़ कमाती हैं।
गंभीर ने कहा कि 20 हजार करोड़ में से 16 हजार करोड़ का भुगतान दिल्ली के 11 लाख परिवारों की कमर तोडक़र होता है जो 10 रुपए यूनिट देते हैं, पूरे देश में सबसे ज्यादा! उन्होंने कहा बाकी 4 हजार, करोड़ का भुगतान दिल्ली सरकार करती है। यह पैसा आम आदमी पार्टी अपने फंड से नहीं देती, दिल्ली के टैक्सपेयर देते हैं। पिछले 7 सालों में सब्सिडी के नाम पर दिल्ली सरकार ने गरीब जनता के 28 हजार करोड़ कंपनियों को दिए हैं।
उन्होंने कहा कि बिजली मुफ्त है, के झूठ को फैलाने के लिए भी टैक्सपेयर के हजारों करोड़ रुपए विज्ञापनों पर खर्च किए जाते हैं। 2012 के मुकाबले 2022 तक दिल्ली सरकार के विज्ञापन बजट में 4200 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। सच यही है कि दिल्ली में भ्रष्टाचार कम नहीं हुआ है, टैक्सपेयर को फायदा नहीं हुआ। सिर्फ एक ठग गरीबों के स्कूल, अस्पताल, फ्लाईओवर का पैसा कुर्सी के लिए लुटा रहा है।
गंभीर ने कहा कि मैं दिल्ली की जनता, खासतौर पर उन 11 लाख घरों से पूछना चाहता हूं कि क्या आप दिन-रात इसलिए मेहनत करते हैं खून-पसीना बहाते हैं ताकि एक ठग कुर्सी पर बैठा रहे?
गौरतलब है कि भाजपा की दिल्ली इकाई के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी के नेतृत्व में दिल्ली में बिजली बिल में बढ़ोतरी के खिलाफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर प्रदर्शन किया था। मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचने के लिए बैरिकेड्स पार करने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारें छोड़ी थी। बिधूड़ी ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए दावा किया कि केजरीवाल सरकार पिछले कई साल से शुल्क और अधिभार के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये लूट चुके हैं।
पीपीए लागत में चार फीसदी बढ़ोतरी के साथ दिल्ली में बिजली बिल बढ़े
बिजली वितरण कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं पर लगाए जाने वाले बिजली खरीद समायोजन लागत (पीपीएसी) में जून के मध्य से चार प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ दिल्ली में बिजली की लागत बढ़ गई है। बिजली विभाग के एक अधिकारी ने कहा था कि बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) ने दिल्ली बिजली नियामक आयोग (डीईआरसी) की मंजूरी के बाद कोयले और गैस जैसे ईंधन की कीमतों में वृद्धि के कारण यह बढ़ोतरी की है।
पीपीएसी बाजार संचालित ईंधन लागत में भिन्नता के कारण डिस्कॉम को क्षतिपूर्ति करने के लिए एक अधिभार है। अधिकारियों ने कहा कि यह कुल ऊर्जा लागत और बिजली बिल के फिक्स्ड चार्ज घटक पर अधिभार के रूप में लागू होता है। डीईआरसी की मंजूरी के मुताबिक दिल्ली में पीपीएसी में 11 जून से चार फीसदी की बढ़ोतरी की गई है।